दिल्ली जल बोर्ड का घोटाला शराब के घोटाले से भी बड़ा । बीजेपी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र। सचदेवा ने पूर्व अध्यक्ष एवं विधायक वीजेंद्र गुप्ता एवं अन्य विधायकों की मौजूदगी में साधा निशाना लगभग 28400 करोड़ रुपये के घोटाले का अनुमान लगाया जा रहा है ।
दिल्ली सरकार के वित्त विभाग द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल किए गये हल्फनामे के अनुसार जल विभाग के ऊपर कर्जा है । स्वयं मंत्री साहिबा कोर्ट में गई और उन्होंने कहा कि उन्हें दिल्ली जल बोर्ड को सेंगशन की गई बकाया राशि का केंद्र द्वारा भुगतान नहीं किया जा रहा है ।
प्रदेश अध्यक्ष द्वारा किए गए खुलासे के अनुसार 2016-17 से दिल्ली जल बोर्ड के खातों का ऑडिट नहीं हुआ है । 2021-22 की तो बैलेंस शीट ही उपलब्ध नहीं है । लंबे समय से ऑडिट नहीं करवाने से आखिर क्यूँ हिचकिचा रही है दिल्ली सरकार और कैसे चुकाया जाएगा जल विभाग का यह मोटा कर्जा ? यदि दिल्ली जल बोर्ड के 2020 के ऑर्डर को देखा जाये तो हर साल टैक्स में हो रही है 5 फ़ीसदी की वृद्धि । 58.2 फ़ीसदी पानी की खपत का एक भी पैसा सरकार को नहीं मिलता । 15 फीसदी पानी वेस्ट हो जाता है । मात्र 26 फीसदी लोग पानी के बिल का भुगतान करते हैं । कहीं सरकार की मंशा इन 26 फ़ीसदी लोगों के ऊपर इस कर्ज़े का बोझ डालने की तो नहीं ?
पार्टी के पूर्व अध्यक्ष एवं विधायक वीजेंद्र गुप्ता के अनुसार दिल्ली में 17 अस्पतालों में एमएस एवं सीनियर डॉक्टरों का अभाव है । ऐसे बहुत से मसले हैं जिनपर बीजेपी के विधायक सदन में चर्चा करना चाहते थे लेकिन उन्हें सदन से आज का सत्र शुरू होने के 15 मिनट के अंदर मार्शलों की मदद से सदन से बाहर कर दिया गया । ये सदस्य केजरीवाल के इस्तीफ़े की माँग करते हुए विधान सभा के बाहर नज़र आये ।