दिल्ली: स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया इंडिया में कथित 400 करोड़ के घोटाले को लेकर कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता एवं पूर्व सांसद अजोय कुमार ने साधा केंद्र की भाजपा शासित सरकार पर निशाना कहा कि पालिसी के तहत 100 इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों को डिस्काउंटेड रेट पर 1.1 मिलियन टन स्टील सप्लाई किया गया जिसकी वैल्यू 7500 करोड़ के लगभग है । इस मामले को राजीव भाटिया जो कि स्टील अथॉरिटी में महा प्रबंधक के पद पर तैनात थे और कोलकाता में पोस्टेड थे प्रकाश में लाया और उनके द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के आधार पर जाँच एजेंसियों ने संज्ञान लिया । दोषी पाए गए 26 सस्पेंड हुए बाद में उन्हें बहाल कर दिया गया । केवल राजीव भाटिया का सस्पेंशन बर्खास्तगी में तब्दील हुआ ।
इन 100 कंपनियों में से एक कंपनी वेंकटेश इंफ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड जिसकी निर्देशक एकता अग्रवाल हैं का हवाला देते हुए एक्स सांसद ने बताया कि 1 अक्टूबर 2020 में यह कंपनी स्थापित हुई मात्र 10 दिन में याने के 12 अक्टूबर 2020 में स्टील अथॉरिटी द्वारा इस कंपनी को 750 करोड़ मूल्य का स्टील सप्लाई किया गया डिस्काउंटेड रेट पर । इस कंपनी का नाम एपको इंफ्रास्ट्रक्चर ने सितंबर 2020 में स्टील अथॉरिटी को रिकमेंड किया था । पूर्व सांसद का कहना है कि स्टील अथॉरिटी ने वेंकटेश इंफ्रा द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों को डायरेक्ट स्टील की सप्लाई कर दी । इस सप्लाई में वेंकटेश इंफ्रा को दलाली के रूप में 90 करोड़ का मुनाफा हुआ । पूर्व सांसद का आरोप है कि एपको इंफ्रा ने सियासी पार्टी को 30 करोड़ की डोनेशन दी थी । इस कंपनी को दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे का ठेका, जम्मू कश्मीर में टनल के निर्माण एवं मुंबई में रोप ब्रिज के निर्माण का ठेका मिला था । राजीव भाटिया ने इस बाबत प्रधान मंत्री को दो खत भी लिखे थे ।
लगाये गए आरोपों के मद्देनजर संबंधित विभाग एवं केंद्र जरूरी है चाहिए कि वह मामले की गहराई में जाकर उचित कार्यवाही करे ...