दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी की कार्यकारिणी के चुनाव में धाँधली के बाबत शिरोमणि अकाली दल दिल्ली के महासचिव सरदार हरविंदर सिंह सरना द्वारा दायर याचिका पर दिल्ली के उच्च न्यायालय ने लिया संज्ञान लिया एवं अपना पक्ष रखने के लिये जारी किया प्रतिवादियों को नोटिस I सरदार हरविंदर सिंह सरना का मानना है कि दिल्ली गुरुद्वारा निदेशक द्वारा करवाए गए दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) की कार्यकारिणी चुनाव में नियमों की भारी अंदेखी की गई है। उन्होंने कहा कि यह बगैर अधिकारियों और पुलिस की मिली-भगत के संभव ही नहीं है। जल्द ही हकीकत संगत के सामने आयेगी I
गूरुद्वारा रकाब गंज परिसर में स्थित शिरोमणि अकाली दल दिल्ली के कार्यालय में हाल ही में आयोजित एक प्रेसवार्ता में महासचिव ने बताया कि यह सब एक ऐसे नेता को बचाने के लिए किया गया जो पहले चुनाव हारा,बाद में उसके द्वारा किए गए नामांकन प्रक्रिया में भी अक्षम रहा। यही नहीं वह व्यक्ति गुरु की गोलक से गबन के साथ-साथ कई आपराधिक मामलों में अदालत के चक्कर काट रहा है। मामले पर सुनवाई के दौरान माननीय पीठ ने यह भी पाया है कि हरविंदर सिंह सरना स्वयं चुनाव में उम्मीदवार नहीं थे, ऐसे में तकनीकी रूप से उन्हें याचिका व्यक्तिगत तौर पर नहीं डालनी चाहिए। सभी पक्षों को देखते हुए माननीय पीठ ने हरविंदर सिंह सरना को अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति दी है। सरना के अनुसार कानूनी सलाहकारों के साथ विमर्श कर आगे की रणनीति तय की जायेगी I