अंतरजातिय विशेषकर अंतरसामुदायिक विवाह से संबंधित अपराधों का ग्राफ बढ़ा है । खाप होनर किलिंग के साथ अब लव जिहाद । उत्तर हो या दक्षिण कोई इिस्सा नहीं जो कभी ना कभी मीडिया की सुर्खियों में ना रहा हो ।
ततकालीन राज्य गृह मंत्री हंसराज अहीर द्वारा लोकसभा में किये गये एक खुलासे के अनुसार 2014 से 2015 में होनर किलिंग से संबंधित अपराधें में 796 प्रतिशत वृद्धि हुई है । 2014 में होनर किलिंग के 28 मामले नोटिफाइड थे जो कि 2015 में बढ़कर 251 हो गये ।
यू.पी. में 131,गुजरात में 21 और मघ्य प्रदेश में 14 । वारदातें तो अन्य राज्यों में भी होती हैं मगर संवेदनशीलता के चलते दर्ज नहीं या फिर यूँ कहिये मामले नोटीफाई ही नहीं होते । सरकार द्वारा माकूल इंतजामात वा दंडविधान में किये गये संशोधन के बावजूद भी हो रहा है हो रहा है इस श्रेणी में आने वाले अपराधों में इजाफा । आखिर क्यों होती है यह होनर किलिंग
रहा सवाल लव जिहाद और घर वापसी का तो केरल लव जिहाद के 90 मामले प्रकाश में आये और 90 के 90 मामले सबूत के आभाव में खारिज हो गये । किसी ने ठीक ही कहा है कि मिया बीबी राजी तो खाक करेगा काजी ।
सुर्खियों में रहे 24 वर्षिय हादिया के मामले में उनके पिता अशोकन ने अभियोग लगाया कि उनकी बेटी को जबरन धर्म-अंतरण कराके मुस्लिम लड़के से विवाह करने के लिये मजबूर किया गया । लेकिन मामला केरल हाई कोर्ट में खारिज हो गया । हादिया ने कबूल किया कि विवाह उसकी रजामंदी से हुआ है ।
आखिर क्या है यह लव जिहाद । विक्कीपीडिया मे दी गई परिभाषा के अनुसार एक मुहिम जिसके तहत गैर हिंदू लड़की का धर्म अंतरण करवाके शादी के लिये मजबूर करना । मात्र केरल में 2011 से 2016 तक धर्म-अंतरण के 7200 मामले प्रकाश में आये । जिसके चलते हिंदू संगठनों में खासा रोष है ।
बदलते सामाजिक परिवेश मे वैचारिक स्वतंत्रता के साथ वैवाहिक स्वतंत्रता स्वभाविक है विचारणीय है तो बस मामलों के आंकलन में दोहरी मांसिक्ता और मीडिया की भूमिका.....