
देहरादून: उत्तराखंड की रजत जयंती वर्ष पर आयोजित कार्यक्रमों की कड़ी के रूप में दून यूनिवर्सिटी परिसर में आयोजित प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दीप प्रज्वलित कर किया उद्घाटन उनके साथ उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं महाराष्ट्र एवं गोवा के राज्यपाल रह चुके भगत सिंह कोश्यारी, दिल्ली विधान सभा के उपाध्यक्ष एवं 6 बार विधायक चुके मोहन सिंह बिष्ट, राजस्थान के मुख्य सचिव सुबोध पंत एवं उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनंद वर्धन शामिल थे ।
धरती से भले दूर रहो बस जड़ों से मत काटो थीम पर आधारित इस सम्मेलन में लगभग 350 से भी अधिक प्रवासी उत्तराखंडियों ने भाग लेने के समाचार मिले हैं । उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का मानना है कि इस सम्मेलन के माध्यम से उत्तराखंड की सभी धारायें एक स्थान पर सम्मिलित हो गई । उन्होंने साथ मिलकर उत्तराखंड को ऊँचाई तक ले जाने का आवाहन किया । उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनवाते हुए बताया कि आज नीति आयोग के मानदंडों के आधार पर उत्तराखंड प्रथम दर्जे का राज्य है ।
राज्य सरकार ने एक जनपद दो उत्पाद, हाउस ऑफ़ हिमालय जिसके उत्पाद मातृशक्ति द्वारा निर्मित किये जाते हैं, सौर स्वरोजगार योजना, पर्यटन के क्षेत्र में होम स्टे आदि योजनायें शासन द्वारा पोषित हैं । सामाजिक सुरक्षा के मद्देनजर धर्मांतरण विरोधी कानून, दंगा विरोधी कानून एवं नकल विरोधी कानून को लागू किया गया नतीजन 26000 युवाओं को सरकारी नौकरी का लाभ मिला । 100 नकल माफियाओं के ख़िलाफ़ कानूनी कार्यवाही की गई । राज्य शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम को ना लागू करने के लिए मदरसे बंद किये गये । 9000 एकड़ ज़मीन को अवैध कब्जे से मुक्त करवाया गया । और अंत में 200 को भ्रष्टाचार के आरोप में जेल भेजा गया ।
पूर्व मुख्यमंत्री के अनुसार पहले उत्तराखंड प्रवासियों के लिए आईसीएस याने कि इंडियन कुकिंग सर्विस की अवधारणा थी लेकिन आज निम्न स्तर से लेकर शीर्षस्थ अधिकारी के लिए उत्तराखंडियों को प्राथमिकता दी जाती है । भारत के 3-3 उत्तराखंडी कैबिनेट सेक्रेटरी हैं । अदाकारा हिमानी शिवपुरी, उमेश पांडे आदि प्रवासी उत्तराखंडियों ने अपने विचार रखे । कहीं ना कहीं उत्तराखंड सरकार को मूल धारा से जोड़ने के लिए प्रवासी उत्तराखंडियों की कसौटी पर खरा उतरना होगा ।