आखिर डाटा को लेकर इतनी हिचकिचाहट क्यों? अपने नेता राहुल गांधी की मांग यदि आप देश में लोकतंत्र को मजबूत बनाना चाहते हैं तो संख्या के आधार पर भागीदारी जरूरी, कनहिया कुमार ने केंद्र से गुजारिश की है कि वह आर्थिक,सामाजिक एवं जातिगत आधार पर जनगणना करवाये । उनका मानना यह है कि 2011 के बाद जनगणना नहीं हुई है । क्योंकि 2014 में सियासत बदल गई थी 2011 की भी रिपोर्ट सांझा नहीं हुई और इन सबके बीच विपक्ष खामोश था ।
इसमें दो राय नहीं कि आर्थिक,सामाजिक एवं जातिगत सर्वेक्षण आर्थिक एवं राजनीतिक नीति निर्धारण की बुनियाद है , विचारणीय है तो बस लंबे अरसे की खामोशी के बाद मुद्दे का मसला बनना ।