दिल्ली: लोकसभा के नेता विपक्ष राहुल गांधी द्वारा चलाए जा रहे एसआईआर के खिलाफ पूर्व सूचना एवं प्रसारण मंत्री एवं भाजपा संसद ने निशाना घुसपैठिया वोट बैंक को बचाने के लिए बिहार में हो रही एसआईआर के खिलाफ एजेंडा चला रहे हैं कांग्रेस और उसके सहयोगी दल । कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में 90 बार हार । हर हार के बाद आत्ममंथन की जगह बचने का कोई ना कोई बहाना ढूँढ लेते हैं राहुल गांधी । कभी संविधान, कभी ईवीएम और अब बूथ पर वोट चोरी । बोगस वोट के नाम पर इलेक्शन कमीशन पर तो सवालिया निशान लग जाता है लेकिन इलेक्शन कमीशन द्वारा इस बाबत हलफनामा मांगे जाने पर हलफनामा नहीं सबूत नहीं बस बेबुनियाद आरोप लगाकर खिसक लेना ।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने लोकसभा के नेता विपक्ष की ही तर्ज पर भाजपा के मुख्यालय में एक प्रेजेंटेशन घुसपैठिये वोट बैंक से वोट चोरी के माध्यम से राहुल गांधी की वायनाड एवं अखिलेश यादव कन्नौज असेंबली सहित विभिन्न असेंबलीज का हवाला देते हुए बताया कि वायनाड की वोटर लिस्ट के विश्लेषण में 93499 संदिग्ध मतदाता पाए गए । जिनमें से 20438 डुप्लीकेट, 17450 फेक एड्रेस, 4246 मिक्सड हाउसहोल्ड एवं 51365 प्रक्रिया के दौरान अतिरिक्त मतदाता पाए गये। इतनी संख्या में संदिग्ध मतदाता होने के बावजूद इस लोकसभा सीट से लगातार दो दफा राहुल गांधी और इस बार प्रियंका गांधी जीती हैं ।
इसी प्रकार अखलेश यादव की असेंबली कन्नौज में 291798 संदिग्ध मतदाता पाए गये । जिनमे से 16163 डुप्लीकेट,153919 फेक एड्रेस,25772 मिक्सड हाउसहोल्ड एवं 74531 प्रक्रिया के तहत जोड़े गए अतिरिक्त मतदाता पाए गये । यहाँ से अखिलेश यादव को 170922 वोटों से जीत हासिल हुई । इतना ही नहीं 1952 के इलेक्शन में कांग्रेस ने बाबा साहिब अंबेडकर को हराने के लिए वामपंथी दल के साथ साजिश करके 73000 वोटों को निरस्त कर दिया । इंडी गठबंधन को लगता है कि बिहार में हार निश्चित है इसलिए उन्होंने बचाव के लिए नया तरीका खोज निकाला है । जहाँ जीत मिली वहाँ जुबान बंद यदि हार गए तो किसी ना किसी बहाने से हल्ला बोल । राजनीति के खेल भी अजब हैं ।