निगम ने अब तक दिल्ली की कितनी नालियों को 100 फीसद साफ घोषित किया है:अंकुश नारंग
दिल्ली: नगर निगम की स्थायी समिति की बैठक में आम आदमी पार्टी के नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने दिल्ली की जनता से जुड़े मुद्दे उठाकर भाजपा सरकार को जमकर घेरा। उन्होंने कहा कि भाजपा कहती है कि सभी ड्रेनेज की 100 फीसद सफाई कराई गई है। फिर सवाल उठता है कि दिल्ली में हर तरफ जल भराव क्यों हुआ। यहां तक की भाजपा के मंत्रियों के घरों के बाहर भी जल भराव हुआ और लोग नाव चलाते दिखे। उन्होंने कहा कि एमसीडी का स्वच्छता अभियान फोटो खिंचवाने तक सीमित है। मेयर सड़क पर फोटो खिंचवाते हैं और अभियान खत्म हो जाता है। पूरी दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के केस बढ़ रहे हैं, लेकिन एमसीडी कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है।
“आप” के वरिष्ठ नेता व एमसीडी में विपक्ष के नेता अंकुश नारंग ने बुधवार को स्थायी समिति की बैठक में दिल्ली की जनता से संबंधित अहम मुद्दों को उठाया। उन्होंने कहा कि दिल्ली नगर निगम द्वारा दावे किए जा रहे हैं कि राजधानी के सभी नाले-नालियां 100 फीसद साफ कर दी गई हैं। अगर सारी सफाई हो गई थी, तो महापौर स्वच्छता अभियान के तहत नाले की सफाई क्यों करवा रहे थे। सिर्फ कागज़ों पर सफाई दिखाई जा रही है और इसके नाम पर ठेकेदारों को भुगतान किया जा रहा है। लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि दिल्ली की ज्यादातर कॉलोनियों में जलभराव की समस्या बनी हुई है। निगम के अंतर्गत आने वाली गलियों और नालियों में जगह-जगह जलभराव होता है। अगर निगम को भगवान भरोसे चलाना है, तो फिर महापौर या स्थायी समिति की अध्यक्ष भी न बैठें और पार्षद भी न बैठें। निगम प्रशासन को जवाब देना होगा कि वह जनता को गुमराह क्यों कर रहा है? इस लापरवाही का ज़िम्मेदार कौन है?
दिल्ली को कूड़े से मुक्ति का अभियान चल रहा है, जिसमें विपक्ष पूरा सहयोग देना चाहता है। मैं मजलिस पार्क गया, जहां मेट्रो स्टेशन के पास ढेर सारा कूड़ा और गाद जमा था। फिर मैं वज़ीराबाद के रामघाट गया, जहां एफसीटीएस के बाहर कूड़ा ही कूड़ा था। यह वह वार्ड है, जहाँ महापौर का घर है, फिर भी वहां कूड़ा जमा है और कोई देखरेख नहीं हो रही है। निगम का डंप और इंजीनियरिंग विभाग आपस में लड़ता रहता है कि कौन नाला साफ करेगा। एक कहता है कि यह 3 फुट का है, दूसरा कहता है कि 4.5 फुट का और कूड़ा बाहर निकलता है। इस लड़ाई में कूड़ा बाहर ही पड़ा रहता है। आईटीओ, धौला कुआँ, मोतीबाग, करोल बाग, पहाड़गंज समेत पूरी दिल्ली में जलभराव होता है। भाजपा के मंत्रियों के घरों के बाहर भी जलभराव होता है। लोग कश्तियां लेकर निकलते हैं।
एमसीडी का स्वच्छता अभियान अच्छा है, लेकिन यह सिर्फ फोटो खिंचवाने तक सीमित नहीं होना चाहिए। महापौर सड़क पर निकलते हैं, फोटो खिंचवाते हैं और अभियान खत्म। तभी स्वच्छता अभियान सफल होगा, जब इसे जमीनी हकीकत में उतारा जाएगा। उन्होंने कहा कि डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मामले बढ़ रहे हैं। अध्यक्ष कहती हैं कि पिछले साल से कम हैं, लेकिन 300 मामले भी क्यों हैं? रोज़ की रिपोर्ट क्यों नहीं आती? जनता को जागरूक किया जाए। ताकि लोग सतर्क हों। डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया पर ध्यान दीजिए।
नेता प्रतिपक्ष ने पूछे ये सवाल-
1- निगम ने अब तक दिल्ली की कितनी नालियों को 100 फीसद साफ घोषित किया है? उनकी सूची सार्वजनिक की जाए।
2- जिन नालियों की सफाई पूरी बताई गई थी, उनमें से कितनी में हाल ही में फिर से गाद निकाली गई?
3- सफाई कार्यों के सत्यापन के लिए क्या कोई स्वतंत्र एजेंसी नियुक्त की गई है? अगर हां, तो उनकी रिपोर्ट दी जाए।
4- सफाई कार्यों के भुगतान का आधार क्या था? क्या भुगतान से पहले भौतिक सत्यापन किया गया?
5- जिन ठेकेदारों को भुगतान किया गया, उनके नाम और ठेके की राशि सार्वजनिक की जाए।
6- महापौर द्वारा करवाई गई सफाई का दृश्य क्या यह दर्शाता है कि निगम का दावा झूठा है?
7- जलभराव से प्रभावित प्रमुख कॉलोनियों की सूची क्या है और वहां कब तक कार्रवाई होगी? से
08:25 pm 20/08/2025